"मैं क्या कर रहा हूँ? क्या मैंने जो लिखा है वो अच्छा है? मुझे नहीं पता कि यह पटकथा कहाँ जा रही है? क्या मुझे इसे आगे लिखते रहना चाहिए?"
निराशा के बादलों के छाने के बाद ये कुछ ऐसी चीज़ें हैं जिनके बारे में मैं सोचती हूँ। लेखक के रूप में, हम सब कभी-कभी निराश और हताश हो जाते हैं। लिखना बहुत अकेलेपन वाला काम हो सकता है, और जिस चीज़ पर इस समय आप काम कर रहे हैं उसे पूरा करने के लिए उत्साहित या प्रेरित बने रहना मुश्किल हो सकता है। जब आप अपने लेखन को लेकर हतोत्साहित महसूस करते है तब दूसरे लेखकों के कुछ सुझाव आपके लिए बहुत असरदार साबित हो सकते हैं! पटकथा लेखक की निराशाओं से बाहर निकलने के लिए यहाँ पटकथा लेखन के 10 प्रेरणादायक अनमोल वचन दिए गए हैं।
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"आप जो भी करने की कोशिश कर रहे हैं उसमें अपना भरोसा न खोएं, भले ही भावनात्मक रूप से आपकी हर तरफ़ से आलोचना हो रही हो। एक भी हाँ के लिए बहुत सारी ना से गुजरना पड़ता है। और इसमें कोई बुराई नहीं है।"
"हम सभी ने बुरा फ़ीडबैक झेला है। रूखे, असंवेदनशील, घमंडी, अभिमानी, गलत, यहाँ तक कि क्रूर भी।"
"पटकथा लेखन पूरे रैकेट का सबसे मुश्किल हिस्सा है … फिर भी इसे सबसे कम आंका जाता है और इसपर सबसे कम ध्यान दिया जाता है।"
"कोई पहला ड्राफ्ट न लिखने से ज़्यादा अच्छा है खराब पहला ड्राफ्ट लिखना।"
"पटकथा लेखन सभी सिनेमाई कलाओं में सबसे बेशकीमती है। असल में, ऐसा नहीं है, लेकिन इसे होना चाहिए।"
"मैं दर्शकों के बारे में इस तरह से सोचता हूँ कि मैं ख़ुद ही अपना दर्शक हूँ। इस तरह मुझे ख़ुद को ख़ुश करना होगा, और जब मैं सिनेमाघर में फ़िल्म देखूं तो मुझे ख़ुशी हो। क्या मैं दर्शकों की ज़रुरत पूरी करने के बारे में सोचता हूँ? नहीं।"
"अगर इसे लिखा, या सोचा जा सकता है तो इसे फिल्माया जा सकता है।"
"जिस एक चीज़ से मुझे मदद मिलती है वो है ख़ुद को बुरा लिखने की अनुमति देना। मैं ख़ुद से यह कहता हूँ कि चाहे कुछ भी हो जाए मुझे पांच से दस पन्ने लिखने ही लिखने हैं और जिन्हें अगर मैं चाहूं तो अगले दिन फाड़कर फेंक सकता हूँ। मेरा कुछ नहीं जायेगा—पांच पन्ने लिखने और उन्हें फाड़कर फेंक देने से मैं उससे ज़्यादा पीछे नहीं जाऊँगा जितना कि मैं उस दिन की छुट्टी लेकर हो जाता।"
"लेखक कौन बनना चाहता है? और क्यों? क्योंकि यही हर चीज का जवाब है। ... यह जीने का कारण है। नोट करना, पिन करना, निर्मित करना, बनाना, बिना किसी चीज़ के हैरान होगा, अजीबपन को संजोना, किसी चीज़ को बर्बाद न होने देना, कुछ बनाना, ज़िन्दगी से कोई अच्छी चीज़ बनाना बनाना, भले ही यह नागफ़नी ही क्यों न हो।"
"लोग कहते हैं, 'जो लोग लेखक बनना चाहते हैं, उनके लिए आपके पास क्या सलाह है?' मैं कहता हूँ कि उन्हें असल में किसी सलाह की ज़रुरत नहीं है, वे जानते हैं कि वे लेखक बनना चाहते हैं, और वो ये बनने वाले हैं। वो लोग जो जानते हैं कि वो वास्तव में ऐसा करना चाहते हैं और इसकी ओर आगे बढ़ रहे हैं, वे यह जानते हैं।"
मुझे उम्मीद है, इन वाक्यों से आपको अपना मनोबल बढ़ाने में और पटकथा लेखक की निराशाओं का सामना करने में मदद मिलेगी। सबसे जरुरी बात यह है कि इन वाक्यों से पता चलता है कि ज़्यादातर लेखकों, यहाँ तक कि स्थापित लेखकों, को भी संघर्ष से गुजरना पड़ता है। अपने ऊपर होने वाले संदेह से लड़ना लेखक की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है, और किसी-किसी दिन आप दूसरे दिनों के मुक़ाबले इसका ज़्यादा अच्छे से सामना कर पाते हैं। अपने प्रति दयालु रहें और लिखते रहें!