-
द हाउस इज़ ब्लैक -
"द हाउस इज़ ब्लैक" की कोई सही प्रीमियर तिथि नहीं है और जब यह शॉर्ट फ़िल्म पहली बार आयी थी तब इसपर ज़्यादा ध्यान भी नहीं दिया गया था। हालाँकि, 1963 में रिलीज होने के बाद से, फोरुग फारूखज़ाद की इस फ़िल्म को अब ईरानी फ़िल्म में एक ऐतिहासिक उपलब्धि माना जाता है। उनकी यह फ़िल्म एक कोढ़ी कॉलोनी पर केंद्रित है और वो अपनी ख़ुद की कविता, ओल्ड टेस्टामेंट, और कुरान के वाक्यों का इस्तेमाल करके कहानी सुनाती हैं। फारूखज़ाद ने ईरान की एक कोढ़ी कॉलोनी में फ़िल्म की शूटिंग की थी और वहां पर उन्हें एक छोटे बच्चे से इतना लगाव हो गया था कि उन्होंने उसे गोद ले लिया। यह फ़िल्म ईरानी न्यू वेव आंदोलन का अभिन्न हिस्सा है, जिसने उस समय की फ़िल्मों की तुलना में ईरानियों के जीवन और कलात्मक पसंद को बेहतर ढंग से पेश किया था।
-
द साउंड ऑफ़ म्यूज़िक -
"द साउंड ऑफ़ म्यूज़िक" 1965 में आज ही के दिन सिनेमाघरों और लोगों के दिलों पर छाई थी। अर्नेस्ट लेहमैन ने मारिया वॉन ट्रैप के 40 के दशक के अंत के संस्मरण, "द स्टोरी ऑफ़ द ट्रैप फैमिली सिंगर्स" पर आधारित स्टेज प्ले के आधार पर इसकी पटकथा लिखी थी। इस म्यूज़िकल ड्रामा को दर्शकों ने बहुत पसंद किया था, इस तरह यह 1965 की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म बन गयी थी और इसने 29 देशों में बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड तोड़ा था। दर्शकों को इस फ़िल्म का म्यूज़िक और एक नौजवान औरत की कहानी बहुत पसंद आयी थी, जो एक विधुर आदमी के सात बच्चों की आया बन जाती है, और इस दौरान उसे उस विधुर से प्यार हो जाता है। इस फ़िल्म को अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ पिक्चर और राइटर्स गिल्ड ऑफ़ अमेरिका अवॉर्ड में सर्वश्रेष्ठ लिखित अमेरिकी म्यूज़िकल का पुरस्कार मिला था।
-
लोला -
फ्रेंच न्यू वेव फ़िल्म "लोला" 1961 में आज ही के दिन रिलीज़ हुई थी। जैक्स डेमी ने एक ऐसे व्यक्ति के बारे में रोमांटिक ड्रामा लिखा और निर्देशित किया था, जिसे अपनी पूर्व प्रेमिका से फिर से प्यार हो जाता है, जो अब एक कैबरे कलाकार है जिसका एक बेटा भी है। आलोचकों ने इस फ़िल्म को मिली-जुली प्रतिक्रिया दी थी, जहाँ कुछ ने कहा था कि इसमें अन्य फ्रांसीसी न्यू वेव फ़िल्मों जैसी "बौद्धिक कठोरता" नहीं है और दूसरों का कहना था कि यह उस युग का सबसे "उपेक्षित प्रमुख काम" था। फ्रेंच न्यू वेव फ़िल्मों को दृश्य शैली, संपादन और सामाजिक और राजनीतिक कहानियों के साथ प्रयोग करने के लिए जाना जाता था।
-
नोस्फेरातु -
"नोस्फेरातु" हेनरिक गैलेन द्वारा लिखी गयी एक वैम्पायर फिल्म है, जो काफी हद तक ब्रैम स्टोकर के उपन्यास ड्रैकुला पर आधारित है। इस साइलेंट फ़िल्म में किताब के कई किरदारों को पूरी तरह से बदल दिया गया था या छोड़ दिया गया था, और साथ ही ड्रैकुला का नाम बदलकर नोस्फेरातु कर दिया गया था, लेकिन इनकी कहानियां इतनी ज़्यादा मिलती-जुलती थी कि स्टोकर के एस्टेट ने कॉपीराइट उल्लंघन के लिए इसपर मुकदमा दायर कर दिया था और जीते भी थे। इस फ़िल्म की सारी कॉपियां नष्ट कर दी गयी थीं, लेकिन फिर भी कुछ बच गयीं, और अब इसे अपनी लयबद्ध कहानी, और गॉथिक, भयानक अनुभव के लिए हॉरर सिनेमा की बेहद प्रभावशाली रचना माना जाता है।
-
गेब्रियल ग्रेसिया मार्केज़ -
नोबेल पुरस्कार विजेता गेब्रियल ग्रेसिया मार्केज़ का जन्म 1927 में आज ही के दिन हुआ था। कोलंबिया में जन्मे यह पटकथा लेखक, पत्रकार और उपन्यासकार लैटिन अमेरिका में जादुई यथार्थवाद के जनक के रूप में जाने जाते थे, जो सामान्य परिस्थितियों में जादुई तत्वों को शामिल करने की प्रतिभा रखते हैं। मार्केज़ ने खुद कई पटकथाएं लिखी थीं, और उनके उपन्यास "लव इन द टाइम ऑफ़ कॉलरा" और "लव एंड अदर डेमन्स" को क्रमशः 2007 और 2010 में फीचर फ़िल्मों में रूपांतरित किया गया था। उन्हें अब तक के सर्वश्रेष्ठ लैटिन अमेरिकी लेखकों में से एक माना जाता है।
-
सिटी लाइट्स -
चार्ली चैपलिन की "सिटी लाइट्स" का प्रीमियर यू.एस. में 1931 में आज ही के दिन हुआ था। उस समय "टॉकीज़" की लोकप्रियता बढ़ने के बावजूद यह फ़िल्म साइलेंट थी। इस फ़िल्म में भी चैपलिन ने अपना मशहूर ट्रैम्प का किरदार निभाया था, जिसे एक अंधी औरत से प्यार हो जाता है और वो शराबी करोड़पति से दोस्ती कर लेता है। यह उनकी ऐसी पहली फ़िल्म थी जिसके लिए चैपलिन ने एक गाना भी बनाया था, और फ़िल्म इतिहासकारों का कहना है कि उस समय बिना किसी संवाद वाली फ़िल्म बनाना प्रचलन को चुनौती देने जैसा था। उन्हें यकीन था कि आवाज़ वाली फ़िल्में ज़्यादा समय तक नहीं चलेंगी, और उन्होंने एक साक्षात्कार में ये तक बोल दिया था कि वो "टॉकीज़ को तीन साल का समय देते हैं, बस।"
-
फ़ार्गो -
जोएल और एथन कोएन द्वारा लिखित "फ़ार्गो", 1996 में आज ही के दिन आयी थी, जिसे आलोचकों ने बहुत पसंद किया था। सिस्केल और एबर्ट ने इसे '96 की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म कहा था, और अकादमी ने इसे सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा का ऑस्कर पुरस्कार देकर अपनी सहमति भी जताई थी। शुरू में इन भाइयों ने कहा था कि यह कॉमेडी थ्रिलर एक सच्ची कहानी पर आधारित है, लेकिन सालों बाद उन्होंने अपनी बात को बदलते हुए कहा कि ये पूरी तरह से काल्पनिक है। उन्होंने बताया कि उनके शुरूआती बयान का कारण यह था कि दर्शक कहानी की कुछ चीज़ों पर तभी विश्वास करते हैं जब उन्हें यकीन होता है कि कहानी सच्ची है। यह फ़िल्म एक गर्भवती पुलिस चीफ पर केंद्रित है, जो एक कार विक्रेता द्वारा अपनी पत्नी का अपहरण करने और उसके पिता से फिरौती मांगने के लिए कुछ अपराधियों को काम पर रखने के बाद हुई हत्याओं की जांच करती है।
-
जैक केनी -
जन्मदिन मुबारक हो, जैक केनी! केनी एक टीवी लेखक, निर्माता, निर्देशक और अभिनेता हैं, जिनके पास निकलोडियन, सीबीएस, एनबीसी, फॉक्स, लाइफटाइम और टीएनटी पर शोज़ के लिए लेखन क्रेडिट हैं। उन्होंने 2006 का शो, द बुक ऑफ़ डैनियल, बनाया था, उसके बाद उन्हें SyFy सीरीज़, वेयरहाउस 13 के लिए शोरनर के रूप में काम पर रखा गया। उनके पास काफी सारे निर्माता क्रेडिट भी हैं और वो LGBTQ समुदाय में एक सक्रिय आवाज़ रहे हैं।
-
वॉल्वर -
पेड्रो अल्मोडोवर ने कॉमेडी-ड्रामा "वॉल्वर" लिखी और निर्देशित की थी, जिसे उन्होंने पहली बार 2006 में इसी दिन दिखाया था। अल्मोडोवर ने इस फ़िल्म की कहानी की प्रेरणा अपनी फ़िल्म "द फ्लॉवर ऑफ़ माय सीक्रेट" की एक अभिनेत्री से सुनी हुई कहानी और अपनी बचपन की यादों से ली थी। यह फ़िल्म उनके लिए एक व्यक्तिगत फ़िल्म है, जिसकी शूटिंग उनके जन्मस्थान ला मांचा, स्पेन में हुई थी। इसकी कहानी एक ऐसी माँ पर केंद्रित है, जो अपने परिवार से कुछ चीज़ों का हिसाब लेने के लिए मरने के बाद वापस आती है और इसमें एक महिला के दृष्टिकोण से मौत, विश्वासघात और परित्याग के भारी-भरकम विषयों को शामिल किया गया है। इसके लिए अल्मोडोवर को कांस फ़िल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ पटकथा सहित कई पुरस्कार दिए गए थे।
-
जो रैनफ्ट -
डिज्नी और पिक्सर के प्रशंसकों को कई प्यारे किरदारों के लिए जो रैनफ्ट का शुक्रिया अदा करना चाहिए, जिन्हें उन्होंने पिछले 30 सालों में बनाया था और अपनी आवाज़ भी दी थी। उनके स्टोरी क्रेडिट में "ब्यूटी एंड द बीस्ट," "द लायन किंग," "टॉय स्टोरी," "ए बग्स लाइफ," "कार्स," और बहुत कुछ शामिल हैं, और उन्होंने कई किरदारों को आवाज़ भी दी है, जैसे "फाइंडिंग निमो में जैक्स, "मॉन्स्टर्स, इंक." में वार्ड और "द लैंड बिफोर टाइम" में स्पाइक।
-
मॉन्स्टर्स -
2010 में SXSW फ़िल्म फेस्टिवल में आज के दिन गैरेथ एडवर्ड्स के "मॉन्स्टर्स" का प्रीमियर हुआ था। इस फ़िल्म में एलियंस धरती पर हमला कर देते हैं, और छह साल बाद, एक पत्रकार और पर्यटक मेक्सिको के एक संक्रमित क्षेत्र से अमेरिका वापस जाने के सफर की शुरुआत करते हैं। एडवर्ड्स ने बताया था कि उन्हें इस कहानी का आईडिया मछुआरों को एक बड़ी मछली को कांटे में फंसाने की जद्दोजहद करते हुए देखकर आया था और उन्होंने उस मछली के बजाय जाल में एक भयानक प्राणी की कल्पना की थी। उन्होंने कहा कि वो इस फ़िल्म में मॉस्टर्स के आने के बाद की कहानी दिखाना चाहते थे, जहाँ अब लोग भाग और चिल्ला नहीं रहे हैं बल्कि एलियंस के साथ जीना सीख गए हैं। उन्होंने पूरी पटकथा पर काम करने के बजाय बस एक ट्रीटमेंट पर काम किया था, और कई अतिरिक्त कलाकारों को अपने ख़ुद के संवाद बनाने की छूट दी थी। उन्होंने सिर्फ छह लोगों के प्रोडक्शन क्रू का इस्तेमाल किया था और $500,000 से कम में यह फ़िल्म बनाई थी। SXSW में यह फ़िल्म देखने के बाद, एक वितरक ने इसका अधिकार ले लिया था और फ़िल्म ने बॉक्स ऑफिस पर $4 मिलियन से ज़्यादा की कमाई की थी।
-
द ग्रेप्स ऑफ़ रैथ -
"द ग्रेप्स ऑफ़ रैथ" के फ़िल्मी संस्करण का प्रीमियर 1940 में आज ही के दिन हुआ था। नन्नली जॉनसन ने जॉन स्टीनबेक के इसी नाम के उपन्यास के आधार पर इसकी पटकथा लिखी थी। यह ड्रामा फ़िल्म ओक्लाहोमा के एक परिवार पर केंद्रित है, जिसके खेत महामंदी के दौरान चले जाते हैं और वो कैलिफ़ोर्निया आ जाते हैं। हालाँकि, जॉनसन की पटकथा किताब के पहले भाग से पूरी तरह मिलती थी, लेकिन अंत सहित इसका दूसरा भाग किताब से काफी अलग था। कई आलोचक आज तक कहते हैं कि "द ग्रेप्स ऑफ़ रैथ" फ़िल्म असली उपन्यास से कहीं ज़्यादा अच्छी है और उनका यह भी कहना है कि यह अमेरिका की सबसे अच्छी फ़िल्मों में से एक है।
-
ब्रीदलेस -
फ्रेंच न्यू वेव फ़िल्म "ब्रीदलेस" 1960 में इसी दिन आयी थी। इसकी कहानी एक लेख पर आधारित है जिसे लेखक फ्रांकोइस ट्रूफ़ोट ने एक अख़बार में पढ़ा था। यह एक आदमी पर केंद्रित है जो एक कार चुराता है, एक मोटरसाइकिल वाले पुलिस को मार डालता है, और इटली भागने के लिए एक अमेरिकी छात्रा से मिलने की कोशिश करता है। बाद में, पटकथा का ट्रीटमेंट लिखने के लिए ट्रूफ़ोट ने क्लाउड चाबरोल के साथ मिलकर काम किया था, लेकिन असहमतियों की वजह से उन्होंने इसे छोड़ दिया। लेकिन निर्देशक जीन-ल्यूक गोडार्ड को यह आईडिया पसंद आया, और उन्होंने वहीं से पटकथा लिखनी शुरू की जहाँ से ट्रूफ़ोट और चाबरोल ने इसे छोड़ा था। आख़िर में, ट्रूफ़ोट को इसकी पटकथा का श्रेय दिया गया।
-
पिंक फ्लेमिंगोज़ -
1972 में आज ही के दिन प्रीमियर होने के लगभग 50 साल के बावजूद, दर्शकों का कहना है कि "पिंक फ्लेमिंगोज़" का विषय बहुत चौंकाने वाला है। जॉन वाटर्स की इस कॉमेडी फ़िल्म को "शोषण कॉमेडी" माना जाता है, यानी यह अश्लीलता की हद पार करती है और बहुत ज़्यादा सेक्सुअल और कभी-कभी गंदे विज़ुअल शामिल करती है। यह फ़िल्म वाटर्स की "ट्रैश ट्राइलॉजी" का हिस्सा है, जिसमें "फीमेल ट्रबल" और "डेस्परेट लिविंग" फ़िल्में शामिल हैं। इसमें ड्रैग क्वीन डिवाइन की भूमिका है, जो आज तक का सबसे गंदा इंसान होने का खिताब पाने की कोशिश करती है। कुछ देशों में प्रतिबंधित होने के बावजूद, यह फ़िल्म ख़ासकर LGBTQ समुदायों में एक कल्ट क्लासिक बन गयी है, जहाँ इसे समलैंगिक फ़िल्मों की शुरुआत करने वाली एक महत्वपूर्ण क्वीर फ़िल्म माना जाता है।
-
रियो ब्रावो -
जूल्स फर्थमैन और लेह ब्रैकेट द्वारा लिखी गयी पश्चिमी फ़िल्म "रियो ब्रावो", 1959 में आज के दिन बहुत कम जगहों पर रिलीज़ की गयी थी। इसकी पटकथा बी. एच. मैककैंपबेल की एक शॉर्ट स्टोरी पर आधारित थी, जिसमें एक शेरिफ एक शक्तिशाली स्थानीय रैंचर के भाई को गिरफ्तार कर लेता है और उसे यूएस मार्शल के आने तक उस रैंचर के गैंग को रोकना होता है। फ़िल्म के निर्देशक हॉवर्ड हॉक्स के बारे में एक जीवनी में बाद में पता चला कि असली शॉर्ट स्टोरी उनकी बेटी, बारबरा मैककैंपबेल, ने लिखी थी। यह फ़िल्म अपने लंबे, संवाद-रहित शुरुआती दृश्य और जॉन वेन, डीन मार्टिन और रिकी नेल्सन जैसे सितारों के लिए जानी जाती है। हालाँकि, उस वक़्त आलोचकों ने इसे बहुत धीमी फ़िल्म बताया था, लेकिन उसके बाद इसे आज तक की टॉप 10 वेस्टर्न फ़िल्मों का दर्जा दिया गया है।
-
सम लाइक इट हॉट -
पटकथा लेखक आई.ए.एल. डायमंड ने कहा कि उन्होंने और बिली वाइल्डर ने मर्लिन मुनरो अभिनीत "सम लाइक इट हॉट" की पटकथा लिखने में एक साल का समय लगाया था। इसकी पटकथा फ्रेंच फ़िल्म "फैनफेयर ऑफ़ लव" के लिए रॉबर्ट थॉरेन और माइकल लोगान की पिछली पटकथा पर आधारित थी। इनकी कहानियां समान होने के बावजूद, डायमंड और वाइल्डर ने गैंगस्टर वाला सबप्लॉट जोड़ा था। इसकी मशहूर लाइन "नोबडीज़ परफेक्ट" को फ़िल्म में नहीं डाला जाने वाला था, और लेखकों ने तय किया था कि जब उन्हें कुछ अच्छा मिल जायेगा तो वो इसे बदल देंगे। इस फ़िल्म को अब तक की सर्वश्रेष्ठ कॉमेडी फ़िल्मों में से एक माना जाता है और इसने कई सर्वश्रेष्ठ सूचियों में शीर्ष स्थान हासिल किया है।
-
थ्री ब्रदर्स -
टोनिनो गुएरा और फ्रांसेस्को रोजी ने कम्युनिस्ट लेखक आंद्रेई प्लैटोनोव के काम के आधार पर यह इतालवी फ़िल्म "थ्री ब्रदर्स" लिखी थी, जो 1981 में आज ही के दिन इटली में आयी थी। रोजी ने फ़िल्म का निर्देशन भी किया था, जो इसपर केंद्रित है कि तीन भाई अपनी निजी जीवन में हो रही घटनाओं के आधार पर अपनी माँ की मौत पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं। इस फ़िल्म को अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फ़िल्म के लिए नॉमिनेट किया गया था और इतालवी नास्त्रो डी'अर्जेंटो ने सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीता था।
-
रेबेका -
अल्फ्रेड हिचकॉक की "रेबेका" 80 साल पहले आज ही के दिन आयी थी। इस थ्रिलर को पहली बार डैफने डू मौरर ने एक उपन्यास के रूप में लिखा था। फिलिप मैकडोनाल्ड और माइकल होगन द्वारा रूपांतरित की गयी इसकी पटकथा को रॉबर्ट ई. शेरवुड और जोन हैरिसन ने लिखा था। हालाँकि, हिचकॉक एक बिल्कुल अलग फ़िल्म - टाइटैनिक - बनाने के लिए अमेरिका गए थे, लेकिन यह उनकी पहली अमेरिकी फ़िल्म थी। जिस स्टूडियो के साथ उन्होंने अनुबंध किया था, उसने कुछ महीने बाद "रेबेका" के अधिकार ख़रीद लिए और हिचकॉक को इस परियोजना पर लगा दिया। इस फिल्म ने अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ पिक्चर और सर्वश्रेष्ठ छायांकन का पुरस्कार जीता था।
-
द गॉडफादर -
1972 में इस दिन अपने प्रीमियर पर, "द गॉडफादर," अब तक की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फ़िल्म थी और इसने फ़िल्म निर्माता फ्रांसिस फोर्ड कोपोला और अभिनेता अल पचिनो के सफल करियर की शुरुआत की थी। कोपोला ने मारियो पूज़ो के साथ पटकथा का सह-लेखन किया, जिन्होंने इसी नाम का मूल उपन्यास लिखा था। पैरामाउंट ने इस उपन्यास के बेस्ट-सेलिंग बनने से पहले ही इसके अधिकार ख़रीद लिए थे, और कुछ लोगों के निर्देशन से इंकार करने के बाद आख़िर में कोपोला को इसके निर्देशन के लिए रखा था। पूज़ो ने पटकथा का 150 पेज का पहला ड्राफ्ट लिखा था, जबकि कोपोला ने दूसरे संस्करण पर अलग से काम किया था। आख़िरी ड्राफ्ट 163 पेज का था, लेकिन निर्माण शुरू होने पर इसमें अभी भी कुछ दृश्य मौजूद नहीं थे। बनने के बाद यह फ़िल्म आज तक की सबसे प्रभावशाली गैंगस्टर फ़िल्मों में से एक बन गयी थी, जिसने गैंगस्टरों को जटिल इंसानों के रूप में पेश किया था। इससे आगे केवल द गॉडफादर II ही निकल पायी है, जो अपने आपमें बहुत बड़ी सफलता है। इसने सर्वश्रेष्ठ पिक्चर और सर्वश्रेष्ठ अनुकूलित पटकथा के लिए ऑस्कर सहित कई दूसरे पुरस्कार जीते थे।
-
द ऑफिस -
पहली बार 2001 में बीबीसी टू पर अपनी शुरुआत के बाद से, "द ऑफिस," को कई अन्य देशों में रीमेक किया गया है, जिसमें अमेरिकी रूपांतरण भी शामिल है, जो 2005 में आज ही के दिन आया था। यूएस संस्करण सबसे लंबे समय तक चलने वाला शो है, और इसे ग्रेग डेनियल, रिकी गेरवाइस और स्टीफन मर्चेंट ने बनाया था। अमेरिकी पायलट मूल ब्रिटिश संस्करण का सीधा रूपांतरण था। शो के अभिनेताओं ने कहा कि यह शो पूरी तरह से स्क्रिप्टेड था, हालाँकि, वो कभी-कभी अपनी लाइनों से खेल सकते थे।
-
एमिलियो फर्नांडीज -
एमिलियो "एल इंडियो" फर्नांडीज का जन्म 1904 में इसी दिन हुआ था, और बड़ा होने पर वो मेक्सिकन सिनेमा के स्वर्ण युग के दौरान प्रसिद्ध पटकथा लेखक, अभिनेता और निर्देशक बने थे। वो हर साल अकादमी पुरस्कारों में दिए जाने वाले ऑस्कर प्रतिमा के मॉडल भी हैं। अपने जीवनकाल के दौरान, उन्होंने "ला रेड" और "मारिया कैंडेलारिया" के लिए क्रमशः कांस का अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार और ग्रांड प्रिक्स पुरस्कार जीता था, साथ ही साथ "ला पर्ला" के लिए वेनिस फ़िल्म समारोह में अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता था।
-
क्वेंटिन टारनटिनो -
क्वेंटिन टारनटिनो को जन्मदिन की बधाई! यह फ़िल्म निर्माता और अभिनेता आज 57 साल के हो गए हैं। टारनटिनो के ज़्यादातर कामों को अपने स्टाइल, जिसे नॉन-लीनियर स्टोरीटेलिंग के नाम से जाना जाता है, 1960 से 1980 के गानों, वैकल्पिक इतिहास के प्रयोग, संवाद के लंबे दृश्यों, और पॉप कल्चर के सन्दर्भों से आसानी से पहचाना जा सकता है। उनका जन्म नॉक्सविले, टेनेसी में हुआ था, और उनका नाम क्विंट एस्पर के नाम पर रखा गया था, जो "गनस्मोक" टीवी सीरीज़ में बर्ट रेनॉल्ड्स द्वारा निभाया गया किरदार था। उनके पिता भी एक अभिनेता और निर्माता थे। टारनटिनो की नौ फ़िल्मों ने सात ऑस्कर, एक पाल्मे डी'ओर, सात बाफ्टा, आठ गोल्डन ग्लोब और आठ सैटर्न अवॉर्ड जीते हैं।
-
द बर्ड्स -
पटकथा लेखक इवान हंटर ने अल्फ्रेड हिचकॉक की हॉरर-थ्रिलर "द बर्ड्स" की पटकथा लिखी थी, जो 1963 में इसी दिन आयी थी। उनकी पटकथा इसी नाम के डैफने डू मौरियर के एक उपन्यास की कहानी पर आधारित है, जिसमें समुद्र के किनारे स्थित एक छोटे से शहर पर अचानक पक्षियों का हमला हो जाता है। हिचकॉक ने कई लोगों को हंटर के पहले ड्राफ्ट पर आलोचना करने के लिए कहा था, और हंटर को अक्सर लंबी प्रतिक्रिया को शामिल करना मुश्किल लगता था। कहा जाता है कि हिचकॉक ने पटकथा के अंतिम दस पन्नों को निकाल दिया था ताकि दर्शकों को ज़्यादा अस्पष्ट अंत के साथ छोड़ा जा सके।
-
ट्रायम्फ ऑफ़ द विल -
जर्मन दर्शकों के लिए नाज़ी प्रचार फ़िल्म "ट्रायम्फ ऑफ़ द विल" का प्रीमियर 1935 में आज ही के दिन हुआ था। जर्मनी को एक महान विश्व शक्ति के रूप में दिखाने के लिए, एडॉल्फ हिटलर ने निर्देशक लेनी रेफेनस्टाहल को एक फीचर लेंथ फ़िल्म बनाने का अधिकार दिया था, जिन्होंने नूर्नबर्ग में एक रैली को फ़िल्माने के लिए 170 लोगों के क्रू के साथ बहुत मुश्किल उठाई थी, और इसे "न केवल एक शानदार सामूहिक बैठक के रूप में बल्कि एक शानदार प्रचार फ़िल्म के रूप में" बनाया गया था। वॉटर रटमैन और एबरहार्ड टौबर्ट ने फ़िल्म का सह-लेखन किया था, जिसने जर्मनी में अपेक्षित रूप से अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन दूसरी जगह के लोगों के बीच फ़िल्म को लेकर ज़्यादा उत्साह नहीं था। बाद में, फ़िल्म निर्माता फ्रैंक कैप्रा ने अमेरिकी सैनिकों को यह समझाने के लिए कि यू.एस. युद्ध में क्यों शामिल था, "व्हाई वी फाइट" नाम की सात-भाग वाली डाक्यूमेंट्री बनाने के लिए "ट्रायम्फ ऑफ़ द विल" के फुटेज का इस्तेमाल किया था।
-
ट्रिस्टाना -
स्पैनिश-मैक्सिकन फ़िल्म निर्माता लुइस बुनुएल ने ड्रामा फ़िल्म "ट्रिस्टाना" को लिखा और निर्देशित किया था, जिसका प्रीमियर आज ही के दिन 1970 में मैड्रिड में हुआ था। जूलियो एलेजांद्रो ने इसका सह-लेखन किया था, और इसकी कहानी इसी नाम के बेनिटो पेरेज़ गैलडोस के उपन्यास पर आधारित थी। उन्होंने 1963 में स्पेनिश सेंसर को अपनी पटकथा पेश की थी, लेकिन उनकी पटकथा को अस्वीकार कर दिया गया था क्योंकि इसमें ड्यूलिंग दिखाई गई थी, इसलिए बुनुएल ने इस परियोजना को छोड़ दिया। पांच साल बाद, निर्माताओं ने इतालवी और फ्रांसीसी निवेशकों से वित्त पोषण के साथ फ़िल्म को वापस शुरू किया, इसलिए बुनुएल और एलेजांद्रो ने इसकी पटकथा समाप्त की। इसकी कहानी एक ऐसी लड़की पर केंद्रित है जिसे एक बूढ़ा आदमी बहका देता है, जिसे उसकी माँ के मरने के बाद उसकी देखभाल करनी होती है। इस फ़िल्म को सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फ़िल्म के लिए ऑस्कर से नॉमिनेट किया गया था।
-
टच ऑफ़ एविल -
ऑरसन वेल्स की क्राइम ड्रामा "टच ऑफ़ एविल" 1958 में आज ही के दिन आयी थी। इसे क्लासिक अमेरिकी फ़िल्म नोयर (स्टाइलिश हॉलीवुड क्राइम ड्रामा का वर्णन करने के लिए प्रयुक्त) के अंतिम उदाहरणों में से एक माना जाता है। फ़िल्म बनाने का चयन करने से पहले, वेल्स ने अपने निर्माता से उनके पास मौजूद सबसे खराब पटकथा खोजने के लिए कहा था ताकि वो यह साबित कर सकें कि वो इससे एक अच्छी फ़िल्म बना सकते हैं। उन्हें "बैज ऑफ़ एविल" मिली, जो थोड़ी-बहुत व्हिट मास्टर्सन के उपन्यास पर आधारित थी, उन्होंने इसे फिर से लिखा, और उसके बाद इसका निर्माण किया गया। हालाँकि, यह पहली बार में सबके बीच हिट नहीं हुई थी, लेकिन आधुनिक समीक्षकों का कहना है कि यह वेल्स की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मों के साथ-साथ उस समय की फ़िल्म नोयर की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियों