भरोसा करिये, पटकथा लेखन के बारे में आपको अनगिनत सलाहें मिलेंगी, मैंने ख़ुद बहुत सारी सलाहें पढ़ी हैं! लेखक के रूप में, आपको पटकथा लेखन की सलाह के रूप में "आपको ये ज़रूर करना चाहिए" और "आपको वो कभी नहीं करना चाहिए" जैसी चीज़ें हमेशा देखने को मिल सकती हैं। मैंने अपने ख़ुद के अनुभवों के आधार पर पटकथा लेखन से संबंधित निम्नलिखित सलाहों की सूची तैयार की है, जो मुझे सबसे ज़्यादा उपयोगी और मददगार लगीं!
- लिखने के लिए हासिल करने लायक लक्ष्य रखें
ऐसे लक्ष्य न रखें जिन्हें आप कभी पूरा नहीं कर सकते! सही लक्ष्य रखने की कोशिश करें जो आप कर सकते हैं और जो आपको थोड़ा प्रोत्साहित भी करें; अगर इसका मतलब दिन में बस कुछ पन्ने लिखना है तो वो भी ठीक है!
- पढ़ें!
बहुत सारी पटकथाएं पढ़ें! पटकथाएं पढ़ना बहुत ज़रूरी है! अपनी मनपसंद फ़िल्मों और टीवी कार्यक्रमों की पटकथाएं पढ़ना इस कला को सीखने और इसमें बेहतर होने का सबसे अच्छा तरीका है।
- किसी भी चीज़ को पत्थर की लक़ीर न मानें
एक दिन मैं ट्विटर पर थी, और किसी ने यह ट्वीट किया था कि उसके पटकथा लेखन के प्रोफेसर ने कहा है कि उन्हें कभी भी अपनी पटकथाओं में सपने, फ़्लैशबैक, या उपचार शामिल नहीं करने चाहिए। पटकथा लेखन के संबंध में मैं कभी भी किसी चीज़ को बिल्कुल सिरे से नहीं नकार सकती। जो चीज़ दूसरे के लिए काम की साबित नहीं हुई, क्या पता किसी और के काम आ जाये। यह बस इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी पटकथा के लिए कौन सी चीज़ काम करती है।
- रूपरेखा लिखें, लेकिन इससे बहुत ज़्यादा लगाव न रखें
यह मुश्किल है, लेकिन कहानी की रूपरेखा तैयार करने, और लिखते समय खोज और अनुभूतियों के लिए जगह छोड़ने के बीच संतुलन बनाकर चलना आपके लेखन के लिए फ़ायदेमंद साबित हो सकता है। आपको इसका अंदाज़ा होना चाहिए कि आप अपने लेखन में कहाँ जा रहे हैं, लेकिन आप जो कहानी बता रहे हैं अगर वो ख़ुद आपके सामने कथानक के महत्वपूर्ण बिंदुओं को ज़ाहिर करे तो वो भी रोमांचक हो सकता है!
- ज़्यादा से ज़्यादा सीखें, लेकिन हर चीज़ को बिल्कुल पकड़कर न रखें
पटकथा लेखन के बारे में सभी किताबें पढ़ें, सारी कक्षाओं में जाएँ, और इस कला से संबंधित ज़्यादा से ज़्यादा लेख पढ़ें। सभी सलाह लें, लेकिन सभी लोगों के विश्वासों को मानने की कोशिश न करें। कितनी सारी किताबें और लेख एक-दूसरे के विपरीत होती हैं। ज़रूरी नहीं है कि कुछ लेखकों के लिए जो चीज़ काम कर गयी वो दूसरे के लिए भी करे। आपको कैसे पता चलेगा कि कौन सी सलाह लेनी है? एक लेखक होने के नाते, आप ख़ुद यह फैसला करेंगे कि कौन सी सलाह को मानना है और किसे नहीं मानना है। आपके लिखने के तरीके के लिए जो जानकारी फ़ायदेमंद और उपयोगी होगी आपको उन्हीं सलाहों पर चलना है, और जिन सलाहों की वजह से आपको मुश्किल आती है या जिनकी वजह से आप अटकते हैं आपको उन्हें पीछे छोड़ना होगा।
- लोगों से जुड़ें, संपर्क बनाएं
लिखने की वजह से आप बहुत अकेले पड़ सकते हैं, इसलिए लोगों से जुड़ना ज़रूरी है! उद्योग में शुरुआत करने के लिए किसी प्रशिक्षक की तलाश करना बहुत अच्छा तरीका हो सकता है। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर दूसरे लेखकों से जुड़ने से न डरें। लोगों को संदेश भेजें और उनसे सवाल करें!
मेंटरशिप और फेलोशिप कार्यक्रमों के लिए आवेदन करें। नए पटकथा लेखकों के लिए काफ़ी सारे कार्यक्रम मौजूद हैं, जैसे एनबीसी का राइटर्स ऑन द वर्ज कार्यक्रम, सनडांस इंस्टीट्यूट और डिज्नी/एबीसी का लेखन कार्यक्रम।
- ज़िम्मेदारी लें!
लेखकों के किसी समूह का हिस्सा बनें या इसकी शुरुआत करें! पटकथा पूरी करने के लिए प्रेरणा खोजने में मुश्किल का सामना होने पर, अगर आपको समूह के सामने पेश करने के लिए पेजों को पूरा करने की ज़रूरत होती है, तो इससे आपको बहुत मदद मिल सकती है।
- वो लिखें जो आप चाहते हैं
चलन में फंसने की कोशिश न करें; क्योंकि इसकी वजह से आपको हमेशा देर हो जाएगी। ऐसी चीज़ लिखें जिसमें आपको दिलचस्पी है और जो आपको रोमांचित करती है। आपकी पटकथा में मौजूद उत्साह का स्तर और आप जिस तरह से अपनी कहानी को लोगों के सामने रखते हैं उससे लोगों को आपके ऊपर भरोसा होगा और उनके अंदर रूचि जागेगी।
- अपने दर्शकों को कम न आंकें
आजकल के दर्शक पहले से कहीं ज़्यादा बुद्धिमान हो गए हैं; उन्हें कथानक के बिंदुओं को समझाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। उन्हें अपने आईडिया और कथानक के लिए ख़ुद दिमाग लगाने दें, और चीज़ों को अपने से जोड़कर देखने का मौका दें।
- हार न मानें!
शायद यह इस कारोबार के लिए सबसे महत्वपूर्ण सुझाव है! आपका दृढ़ संकल्प ज़रूरी है! टिके रहें और अपनी कला को बेहतर बनाने पर ध्यान दें। उन लक्ष्यों की सूची बनाएं जिन्हें आप हासिल करना चाहते हैं। इंकार सुनने पर या बुरी प्रतिक्रिया मिलने पर हताश न हों। अपने काम और अपनी ख़ुद की प्रगति पर ध्यान दें। सबसे ज़रूरी है कि बस लिखते रहें!